अघोर चतुर्दशी

अघोर चतुर्दशी
अघोरेश्वर भगवान शिव की साधना का उत्तम दिन है अघोर चतुर्दशी ।
शिव के गण भूत प्रेत की स्वतंत्रता का दिन है अघोर चतुर्दशी ।
तंत्र मंत्र की अभीष्ट सिद्धि का दिन है अघोर चतुर्दशी ।
२०२० अघोर चतुर्दशी तिथि सोमवार, १७ अगस्त, १२ बजकर ३५ मिनट दोपहर से मंगलवार सुबह १० बजकर ४० मिनट तक है ।
अघोरा चतुर्दशी भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है। इसे स्थानीय भाषा में डगयाली भी कहा जाता है। यह पर्व दो दिन तक चलता है, जिसमें प्रथम दिन को छोटी डगयाली और उसके अगले दिन अमावस्या को बड़ी डगयाली कहते हैं।
माँ तारा पीठ में इस उत्सव की भव्यता का वर्णन शब्दों में संभव नहीं है, लगता है मानो अघोरमय हो जाता है श्मशान घाट और सारी रात शिव के गण विचरण करते हैं, जो आप महसूस कर सकते हैं।
निर्भय होकर शिव साधना में लीन होने का दिन है अघोर चतुर्दशी ।शिव – शक्ति की कृपा हमेशा बनी रहेगी ।
जय अघोर ! जय अघोरेश्वर !

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