है, अभी कुछ और जो कहा नहीं गया। उठी एक किरण, धायी, क्षितिज को नाप गयी, सुख की स्मिति कसक-भरी, निर्धन की नैन-कोरों में काँप गयी, बच्चे ने किलक भरी, माँ की वह नस-नस में Read more…
ये शिकायत भी अजी हाँ खूब होती है, क्या अदा है कि हर दिल अजीज होती है। वो किस्सा किस्सा ही क्या,। जिसमेंं, सिर्फ अपनी ही बात हो। मजा तो तब आता जब किसी की Read more…
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