On National Girl Child Day /बालिका का परिचय / सुभद्राकुमारी चौहान

- On occasion of National Girl Child Day 24th January
बालिका का परिचय / सुभद्राकुमारी चौहान
यह मेरी गोदी की शोभा, सुख सोहाग की है लाली!
शाही शान भिखारन की है, मनोकामना मतवाली !
दीप-शिखा है अँधेरे की, घनी घटा की उजियाली !
उषा है यह काल-भृंग की, है पतझर की हरियाली !
सुधाधार यह नीरस दिल की, मस्ती मगन तपस्वी की!
जीवित ज्योति नष्ट नयनों की, सच्ची लगन मनस्वी की!
बीते हुए बालपन की यह, क्रीड़ापूर्ण वाटिका है !
वही मचलना, वही किलकना,हँसती हुई नाटिका है !
मेरा मंदिर,मेरी मसजिद, काबा काशी यह मेरी !
पूजा पाठ,ध्यान,जप,तप,है घट-घट वासी यह मेरी!
कृष्णचन्द्र की क्रीड़ाओं को अपने आंगन में देखो !
कौशल्या के मातृ-मोद को, अपने ही मन में देखो!
प्रभु ईसा की क्षमाशीलता, नबी मुहम्मद का विश्वास!
जीव-दया जिनवर गौतम की,आओ देखो इसके पास !
परिचय पूछ रहे हो मुझसे, कैसे परिचय दूँ इसका !
वही जान सकता है इसको, माता का दिल है जिसका !
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