अकाल और बाढ की त्रासदी / कई दिनों तक चूल्हा रोया – नागार्जुन – Akaal aur barh ki trasadi/ kai dinon tak chulha roya – Nagarjuna

अकाल और उसके बाद कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदासकई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पासकई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्तकई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त। दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बादधुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों Read more…

अर्धनारीनटेश्वर स्तोत्र

श्री शङ्कराचार्य कृतं – अर्धनारीनटेश्वर स्तोत्र॥ चाम्पेयगौरार्धशरीरकायै कर्पूरगौरार्धशरीरकाय । धम्मिल्लकायै च जटाधराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ १ ॥ कस्तूरिकाकुंकुमचर्चितायै चितारजः पुंजविचर्चिताय ।कृतस्मरायै विकृतस्मराय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ २ ॥ चलत्क्वणत्कंकणनूपुरायै पादाब्जराजत्फणीनूपुराय ।हेमांगदायै भुजगांगदाय नम: शिवायै च नम: शिवाय ॥ ३ ॥ विशालनीलोत्पललोचनायै विकासिपंकेरुहलोचनाय ।समेक्षणायै विषमेक्षणाय नम: Read more…

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त Maithili Sharan Gupt

नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करोजग में रह कर कुछ नाम करोयह जन्म हुआ किस अर्थ अहोसमझो जिसमें यह व्यर्थ न होकुछ तो उपयुक्त करो तन कोनर हो, न निराश करो मन को। संभलो कि सुयोग न जाय चलाकब व्यर्थ हुआ सदुपाय भलासमझो Read more…

हनुमान चालीसा

हनुमान चालीसा तुलसीदास की अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है जिसमें प्रभु राम के महान भक्त हनुमान के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है। इसमें बजरंग बली‍ की भावपूर्ण वन्दना तो है ही, श्रीराम का व्यक्तित्व भी सरल शब्दों में Read more…