Jorbangla Mandir _जोरबंगला मंदिर

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जोरबंगला मंदिर पश्चिम बंगाल के सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक शिल्पित टेराकोटा मंदिरों में एक है, जोकि अब एक विरासत स्थल है । पश्चिम बंगाल के विष्णुपुर में स्थित इस मंदिर का निर्माण मल्लराज रघुनाथ सिंह ने 1655 ईस्वी में कराया था । इसे युरुबांगला भी कहा जाता है । इसे देखने में ऐसा लगता है मानो दो अलग-अलग झोपड़ियों को सामने से जोड़ दिया गया हो इसलिए जोरबंगला नामकरण हुआ ।
इस मंदिर की चौड़ाई 11.8 मी. और 11.7 मी. है। दो झोपड़ियों से युक्त यह मंदिर चौकोर ऊंचे आधार पर बनाया गया है । मिट्टी के माध्यम से किया गया काम तत्कालीन सामाजिक स्थिति से भी रूबरू कराता है । रामायण, महाभारत, कृष्ण-लीला, शिकार के दृश्य, समकालीन सामाजिक त्योहारों को बहुत ही खूबसूरती से टेराकोटा मूर्त्तियों के माध्यम से दर्शाया गया है। भीष्म शरशैय्या, राम-सीता विवाह, मैया पार्वती अपने दो पुत्रों के साथ, बाल गोपाल लीला, लक्ष्मण और शूर्पणखा और ऐसी कई कहानियां देखने को मिलती हैं यहां कला के रूप में ।


1 Comment

Anurag Madhur · 24/08/2020 at 10:08 pm

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