परंपरा: रामधारी सिंह दिनकर

परंपरा –रामधारी सिंह दिनकर परंपरा को अंधी लाठी से मत पीटो। उसमें बहुत कुछ है, जो जीवित है, जीवनदायक है, जैसे भी हो, ध्वसं से बचा रखने लायक़ है। पानी का छिछला होकर समतल में दौड़ना, यह क्रांति का नाम है। लेकिन घाट बाँधकर पानी को गहरा बनाना यह परंपरा Read more…